आगरा : राजा जनक ने अपनी पुत्री सीता का स्वयंवर रचाया। सीता से विवाह की ख्वाहिश में बड़े-बडे महारथियों ने शिव धनुष तोड़ने का प्रयास किया, लेकिन वे तिलभर हिला भी नहीं सके। ऐसे में गुरु विश्वामित्र की आज्ञा पाकर भगवान राम ने एक पल धनुष उठाया और तोड़ दिया । ये कहना था कमला नगर स्थित सिंधु भवन चल रही श्रीमद भागवतकथा में व्यासपीठ से स्वामी शतानंद महाराज का ।
कोरोना वाइरस के चलते भागवत कथा सुनने के लिए पुरुषो की अपेक्षा महिला श्रोताओ की संख्या अधिक देखने को मिली। कथा के मुख्य यजमान मोतीलाल गर्ग एवं विमलेश अग्रवाल है। दैनिक यजमान श्रीकृष्ण मिश्रा रहे।

शनिवार को जड़भरत, दक्ष प्रजापति, प्रह्लाद चरित्र, नरसिंह अवतार व नरकलोक का वर्णन किया जायेगा।
इस अवसर पर प्रमुख रूप से नीरज जयसवाल, शैलेश अग्रवाल, आरसी अग्रवाल, केशव अग्रवाल, पराग जैन, आदित्य राज शर्मा, संतोष मित्तल, सुभाष चंद गुप्ता, केपी सिंह यादव, राजेश जैसवाल, प्रदीप गुप्ता, योगेश जयसवाल, बंटी आदि मौजूद रहे।
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