आगरा। NGT द्वारा आतिशबाजी पर बैन लगाए जाने के बाद जिला प्रशासन एक्शन मोड में आ गया है। दुकानों के लिए जारी किए गए अस्थाई 286 लाइसेंस जिला प्रशासन निरस्त कर रहा है। वहीं जो दुकानदार अभी लाइसेंस पाने का इंतजार कर रहे थे उनकी आखिरी उम्मीद भी जिला प्रशासन के आदेश आने के बाद खत्म हो चुकी है। जिला प्रशासन ने प्रदूषण के प्रति सतर्कता बरतते हुए बिक्री से लेकर पटाखों के इस्तेमाल करने तक पर प्रतिबंध लगा दिया है। यहां तक कि इको फ्रेंडली यानी कि ग्रीन पटाखों पर भी रोक लगा दी गई है, साथ ही जिला प्रशासन ने पटाखों का इस्तेमाल करने वाले लोगों पर शिकंजा कसने का भी रुख बना लिया है। जिसके चलते आतिशबाजी करने वाले लोगों पर जुर्माना लगाया जाएगा।
आयुध प्रभारी एवं एडीएम सिटी डॉ. प्रभाकांत अवस्थी ने बताया सिर्फ 25 लोगों ने 500 रुपये चालान के रूप में बैंक में अस्थाई लाइसेंस फीस राजस्व विभाग के लिए जमा कराई थी, वह उन्हें वापस कर दी जाएगी। दीवाली पर दो दिन के लिए पटाखों की दुकान लगाने के लिए जारी हुए सभी अस्थाई लाइसेंस तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिए गए हैं। साथ ही यह भी कहा कि पटाखों का प्रयोग करने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
जिलाधिकारी प्रभु एन सिंह ने कहा कि आतिशबाजी करने पर एनजीटी ने 10 हजार रुपये का जुर्माना तय किया है। जिला प्रशासन भी एनजीटी के इस नियम का पालन कराएगा। त्यौहार पर आतिशबाजी की जांच के लिए थानास्तर पर पुलिस टीमों का गठन किया जाएगा। अगर प्रशासन के नियमों का उल्लघंन करते हुए कोई आतिशबाजी करता पकड़ा जाता है तो उस पर 10 हजार रुपये जुर्माना लगाया जाएगा।
त्यौहार सिर पर है और दुकानदारों ने लाखों रुपए का आतिशबाजी का सामान भी कर्ज लेकर या गहने गिरवी रख कर खरीद लिया है। अब देखने वाली बात यह होगी कि जुर्माना तय हो जाने के बाद क्या पटाखा व्यापारी पटाखे बेचने से और शहर वासी पटाखे चलाने से बाज आते हैं या नहीं।