मुंबई। शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा है कि अर्नब गोस्वामी के ख़िलाफ़ की गई कार्यवाही का महाराष्ट्र सरकार से कोई संबंध नहीं है.
उन्होंने कहा, “महाराष्ट्र की सरकार कभी भी बदले की भावना से कार्यवाही नहीं करती. महाराष्ट्र में क़ानून का राज है. यहां किसी तरह की अराजकता नहीं है. पुलिस प्रोफेशनल है. उनके पास अगर कोई जांच का मामला है और अगर उनके हाथ कोई सबूत लगा होगा तो पुलिस किसी पर भी कार्यवाही कर सकती है.”
उन्होंने कहा, “राज्य में ठाकरे सरकार के गठन के बाद हमने कभी बदले की भावना से कार्यवाही नहीं है. आपने देखा होगा इस चैनल ने हम सब के ख़िलाफ़ बदनामी का एक अभियान चलाया था और झूठे आरोप लगाए थे लेकिन हमने कहा कि झूठे इलज़ाम लगाने वालों की भी जांच होनी चाहिए.”
संजय राउत से जब पत्रकारों ने पूछा कि इसे प्रेस की आज़ादी को दबाने की कोशिश कहा जा रहा है और काला दिन बताया जा रहा है. इस पर संजय राउत ने कहा,“सर्वोच्च न्यायालय ने इस चैनल के बारे में महत्वपूर्ण निरीक्षण दिया था कि आप न्यायालय नहीं हो, जांच एजेंसी नहीं हो इसलिए आप किसी के ख़िलाफ़ कुछ भी ग़लत-सलत बोलकर लोगों को बहकावे में नहीं ला सकते.”
संजय राउत ने उलटा सवाल किया कि ये हमारा निरीक्षण नहीं है बल्कि सर्वोच्च न्यायालय का है, तो क्या आप सर्वोच्च न्यायालय से भी कहेंगे कि ये काला दिन है?
उन्होंने कहा कि चाहे कोई पत्रकार हो, राजनेता हो, एक्टर हो या चाहे वकील हो, अगर किसी ने ग़लत काम नहीं किया है तो ज़ोर से चिल्लाने की ज़रूरत नहीं है.
संजय राउत ने पत्रकारों से कहा, “इस देश में सबसे ज़्यादा प्रेस की आज़ादी है. और ज़्यादा सवाल तो उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में उठ रहे हैं. तो आप उनसे ये सवाल क्यों नहीं पूछते?”
-एजेंसियां
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