अमित शाह ने अर्नब की गिरफ़्तारी पर कांग्रेस और उसके सहयोगियों को घेरा

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नई दिल्‍ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी अर्नब गोस्वामी की गिरफ़्तारी की निंदा की और इस मामले में कांग्रेस और उसके सहयोगियों को घेरा.

उन्होंने ट्वीट किया, “कांग्रेस और उसके सहयोगियों ने एक बार फिर लोकतंत्र को शर्मसार किया है. रिपब्लिक टीवी और अर्नब गोस्वामी के ख़िलाफ़ राज्य की सत्ता का खुला दुरुपयोग व्यक्तिगत स्वतंत्रता और लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर हमला है. ये हमें आपातकाल की याद दिलाता है. स्वतंत्र प्रेस पर इस हमले का विरोध करना होना ही चाहिए, और इसका विरोध होगा.”

स्मृति इरानी ने कहा, आप अर्नब के समर्थन में नहीं खड़े तो फासीवाद का समर्थन कर रहे हैं

केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी ने पत्रकारों के नाम ट्वीट किया, “फ्री प्रेस के जो लोग आज अर्नब के समर्थन में खड़े नहीं हैं, वो फासीवाद का समर्थन कर रहे हैं. हो सकता है आप उन्हें पसंद ना करते हों, हो सकता है आप उनसे सहमत नहा हों, हो सकता है आप उनके अस्तित्व को तुच्छ समझते हों, लेकिन अगर आप चुप रहते हैं तो आप दमन का समर्थन करते हैं. अगर अगले आप हुए तो कौन बोलेगा?”

क़ानून और न्याय, संचार और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने अर्नब गोस्वामी की गिरफ़्तारी को लेकर महाराष्ट्र सरकार पर कड़े सवाल उठाए हैं.

उन्होंने ट्वीट किया, “कोई असहमत हो सकता है, बहस कर सकता है और सवाल भी पूछ सकता है. हालांकि अर्नब गोस्वामी के कद के पत्रकार को पुलिस पावर का दुरुयोग करते हुए गिरफ़्तार करना क्योंकि वो सवाल पूछ रहे थे, ये ऐसी घटना है जिसकी हम सभी को निंदा करनी चाहिए.”
उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, “वरिष्ठ पत्रकार अर्नब गोस्वामी की गिरफ़्तारी गंभीर रूप से निंदनीय, अनुचित और चिंताजनक है. 1975 की निर्दयी इमरजेंसी का विरोध करते हुए हमने प्रेस की स्वतंत्रता के लिए लड़ाई लड़ी थी.”  केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने अर्नब गोस्वामी पर कार्यवाही की निंदा की है और कहा कि इसने इमरजेंसी के दिनों की याद दिला दी.
उन्होंने ट्वीट किया, “मुंबई में प्रेस-पत्रकारिता पर जो हमला हुआ है वह निंदनीय है.यह इमरजेंसी की तरह ही महाराष्ट्र सरकार की कार्यवाही है. हम इसकी भर्त्सना करते हैं.” केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने अर्नब गोस्वामी पर कार्यवाही को महाराष्ट्र में प्रेस की आज़ादी पर हमला बताया है.
उन्होंने ट्वीट किया, “महाराष्ट्र में प्रेस की आज़ादी पर इस हमले की मैं कड़ी निंदा करता हूं. ये फासीवादी कदम अघोषित आपातकाल का संकेत है. पत्रकार अर्नब गोस्वामी पर हमला करना सत्ता के दुरुपयोग का एक उदाहरण है. हम सभी को भारत के लोकतंत्र पर इस हमले के ख़िलाफ़ खड़ा होना चाहिए.”

एडिटर्स गिल्ड ऑफ़ इंडिया ने गिरफ़्तारी की निंदा की

संपादकों के संगठन एडिटर्स गिल्ड ऑफ़ इंडिया ने रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन-चीफ़ अर्नब गोस्वमी की गिरफ़्तारी की निंदा की है.

संगठन ने बयान में कहा कि वो बुधवार सुबह अर्नब गोस्वामी की गिरफ़्तरी के बारे में जानकर हैरान है.

संगठन ने कहा, “गिल्ड ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री से ये सुनिश्चित करने के लिए कहा कि गोस्वामी के साथ उचित व्यवहार किया जाए और मीडिया की आलोचनात्मक रिपोर्टिंग के ख़िलाफ़ राज्य की पावर का इस्तेमाल ना किया जाए.”

अर्नब ने कहा, ‘मुझे पुलिस ने मारा है’

पुलिस जब अर्नब गोस्वामी को ले जा रही थी, उस वक़्त उन्होंने कहा कि ‘मुझे पुलिस ने मारा है.’
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक़ अर्नब को उनके घर से अलीबाग पुलिस स्टेशन ले जाया गया था.

-एजेंसियां

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